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कन्यादान हो या वरदान! अब आप ही बताईये क्या बुराई है?

क्या कन्यादान सिर्फ खैरात है? क्यों होता है कन्यादान और क्या यह स्त्री का अपमान है? जानिए हिन्दू विवाह संस्कार में कन्यादान का सही अर्थ, उसका सांस्कृतिक और वैदिक महत्व। पढ़ें वरदान बनाम कन्यादान की सच्ची व्याख्या, ब्रह्म विवाह का रहस्य और उन कुतर्कों का उत्तर जो हिन्दू परम्पराओं को गलत साबित करते हैं।

सर्वगर्मवड़ापाव के प्रतिकार में आत्मघाती कमियां

विगत ९० वर्षों में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति बढ़ जाने से भारतीय संस्कृति को बहुत क्षति पहुंची है। अली मौला अल्लाह को ईश्वर के...

“द सिटी ऑफ गॉड” – ऑगस्टीन का पैगन पर हमला

"द सिटी ऑफ गॉड" A.D. 410 में, पश्चिमी इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जब वंडल्स ने अपने राजा, अलारिक के नेतृत्व में, रोम शहर...

संत रविदास और तत्कालीन समाज

संत रविदास निम्न लेख प्रतिज्ञ @RamaInExile द्वारा लिखित है। संत रविदास संत शिरोमणि वैष्णवाचार्य संत रविदास जी रामानंदी संप्रदाय के एक महान आचार्य थे। श्री आद्य गुरु...

युधिष्ठिर का द्यूत – वैदिक रहस्यमयी अक्षविद्या

धर्मराज युधिष्ठिर को जुआरी कहना गलत है । धर्मराज युधिष्ठिर ने जीवन में कितनी बार द्यूत खेला?“व्यसनी” कहलाने के लिये कितनी बार खेलना पड़ता है? द्यूतविद्या...

ॐ का सही उच्चारण कैसे होता है?

अष्टाध्यायी (१⋅२⋅३४) का कथन है कि “जप,न्यूङ्ख तथा साम के सिवा यज्ञकर्म में एकश्रुति का पाठ किया जा सकता है” । किसी भी वेदमन्त्र...