2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद अब दूसरा चुनाव नजदीक आ गया है| इसलिए हर जगह सरकार के कार्यों का मूल्यांकन होना शुरू हो गया है, जो कि एक सुदृढ़ लोकतंत्र में आवश्यक भी है ताकि जनता तक विकास और तमाम मूलभूत सुविधाओं का लाभ भी पहुंचे और वह अपने लिए एक हितैषी सरकार भी चुन सके| इस कड़ी में पिछले वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किये गये कुछ बड़े कामों और नीतियों की चर्चा आवश्यक है, आइये देखते हैं वो 13 काम जो हुए हैं 5 साल में.
1. भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार की खास बात ये है कि सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार से दूर रहे हैं. जिस तरह पिछली सरकार 2-जी स्कैम, कोयला स्कैम, कॉमनवेल्थ स्कैम, चॉपर स्कैम, आदर्श स्कैम के आरोपों में घिरी रही, उससे उलट मोदी सरकार में भ्रष्टाचार के मामले बहुत कम आए. हालांकि कुछ राज्य सरकारों पर घोटालों के आरोप लगे.
2. प्रधानमंत्री जन-धन योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में जन-धन योजना की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी. इस योजना का मकसद देश के हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना है और इन योजना के तहत 31.31 करोड़ लोगों को फायदा भी मिला है. शोध कहते हैं कि आर्थिक जगत के क्षेत्र में ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है. इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया था।
3. जी.एस.टी. (G.S.T.)
जीएसटी का मतलब है एक राष्ट्र, एक टैक्स. इस नए टैक्स सिस्टम में सभी वस्तुओं के अलग अलग टैक्स नहीं देना होगा और पूरे देश में एक ही टैक्स व्यवस्था लागू की गई है. यह साल 1991 के बाद से अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद ये वित्तीय क्षेत्र में सुधार को लेकर सबसे बड़ा कदम है, जिसे लागू करने के लिए पिछली सरकारें प्रयासरत थी. मोदी सरकार ने 1 जुलाई, 2017 को सामान और सेवा (जीएसटी) संसद के सेंट्रल हॉल में आधी रात को संसद के विशेष सत्र में शुरू किया. शुरूआती दौर में इस व्यवस्था में समस्याएँ आईं पर धीरे धीरे फीडबैक के आधार पर सुधार करते हुए यह जन स्वीकार्य व्यवस्था बन गयी|
4. उज्जवला योजना-
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उन परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं था और उन्हें खाना बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. इस योजना के माध्यम से उन परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाया गया और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त भी किया गया. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बीपीएल राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में सेलेंडर दिया जाता है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 3 करोड़ परिवार इसके लाभार्थी
5. डिजिटाइजेशन एक अहम कदम-
मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में डिजिटाइजेशन पर काफी जोर दिया है. अब बैंकिंग क्षेत्र से लेकर अन्य सरकारी कार्यों में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिला है, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है. इसमें मोदी सरकार की डिजिटल भुगतान को आसान बनाने बनाने वाली भीम एप भी शामिल है. इस एप के तहत पैसे सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जा सकते हैं। डिजिटाइजेशन से फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार में भी बहुत कमी आई है क्योंकि ऑनलाइन काम में हेरफेर मुश्किल होता है| इसका एक उदाहरण है कि झूठे दस्तावेजों से फर्जी स्कॉलरशिप व भत्ते आदि लेने वाले बाहर हो गये|
6. मुद्रा योजना-
प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) एक गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि लघु-लघु उद्यमों को 10 लाख तक की ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है. ये लोन पीएमएमवाई के तहत वर्गीकृत किए गए हैं, ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए गए हैं. उम्मीदवार इन संस्थानों से लोन ले सकते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 23 मार्च 2018 तक कुल 2,28,144,.72 करोड़ रुपए के कुल 4,53,51,509 कर्ज आवंटित किए गए हैं. योजना के तहत कुल 2,20,596.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. आपको बता दें कि इस योजना को 8 अप्रैल 2015 को लॉन्च किया गया था।
7. स्वच्छ भारत अभियान-
इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल से ही की थी और उसे कामयाबी भी मिली. इस योजना के तहत पूरे देश में सफाई के लिए विशेष कार्य किए गए हैं, जिसमें शौचालय निर्माण से लेकर कचरा निस्तारण भी शामिल है. सफाई व्यवस्था के बहुत ही सकारात्मक परिणाम देशभर में दिखने लगे हैं|
8. पहल योजना
डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर्स के रूप में सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराए जाने को लेकर फैसला किया गया है. इससे लीकेज और किसी हेराफेरी की गुंजाइश खत्म हुई है. पहल योजना के तहत एलपीजी सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराई जाती है, जिसका गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज है. इस योजना के तहत 14.62 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे नकद सब्सिडी मिल रही है. इस योजना ने करीब 3.34 करोड़ नकली या निष्क्रिय खातों की पहचान करने और उन्हें बंद करने में भी मदद की, जिससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई।
9. पारदर्शिता
मोदी सरकार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी कई काम किए गए, जिसमें कोयला ब्लॉक आंवटन में पारदर्शी नीलामी, पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन, कई निविदाओं के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की शुरुआत की गई. साथ ही सब्सिडी जैसी सुविधाओं में पारदर्शिता की गई।
10. कौशल विकास
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना कौशल विकास एवं उद्यमता मंत्रालय की ओर चलाई जाती है. इस स्कीम का उद्देश्य है देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है जिससे उन्हें रोजगार पाने में मदद मिल सके. इसमें ट्रेनिंग की फीस सरकार खुद भुगतान करती है. सरकार इस स्कीम के जरिए कम पढ़े लिखे या 10वीं, 12वीं कक्षा ड्रॉप आउट युवाओं को कौशल प्रशिक्षिण देती है. सरकार ने 2020 तक एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है।
11. मेक इन इंडिया
मोदी सरकार ने भारत के निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया पहल की शुरूआत की. इसके तहत कैपिटल गुड्स के साथ नई तकनीक और आधुनिकता को बढ़ावा दिया जाता है. इस स्कीम के लिए 930 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
12. तीन तलाक और हज यात्रा
तीन तलाक पर मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसका लंबे समय से विरोध किया जा रहा था. सरकार ने लोकसभा में कई संशोधन प्रस्ताव खारिज होने के बाद ‘मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल’ पास करवाने का अहम कार्य किया है. वहीं सरकार ने हज पर दी जाने वाली वाली सब्सिडी इसी साल से खत्म कर दी है, यानी 2018 से हज पर जाने वालों को पूरा खर्च खुद ही वहन करना होगा।
13. आतंकियों और देशद्रोहियो में भय का माहौल
जबसे मोदी सरकार आई है, देशद्रोहियों की बुरे दिन आ गए हैं, अब आतंकियों से बातचीत नहीं बल्कि इनकाउंटर की भाषा मे जबाब दिया जा रहा है, पाकिस्तान को सीजफ़ायर उलंघन का खामियाजा सर्जिकल स्ट्राइक झेलकर उठाना पड़ा। सबसे बड़ी बात आतंकियों और देशद्रोहियों में एक भय का माहौल है, जो कलेजे को ठंडक देती है। इसीका नतीजा है कि पिछले पांच सालों में देश में कश्मीर को छोडकर कहीं भी आतंकी हमला नहीं हुआ है।
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