माइक्रोसॉफ्ट अपने मंगल फॉण्ट में तो (देवनागरी) टाइप करने देता है किन्तु SMP प्लेन के मिथिलाक्षर में न तो टाइपिंग सम्भव है और न ही कॉपी-पेस्ट, क्योंकि उसके Word में LOOKUP को प्रतिबन्धित किया गया है जिसके बिना किसी भी भारतीय लिपि में टाइपिंग असम्भव है क्योंकि भारतीय लिपियों में बहुत से संयुक्ताक्षर होते हैं जो कीबोर्ड द्वारा सीधे टाइप नहीं हो सकते (कीबोर्ड में उतने बटन नहीं होते), उनको फॉण्ट के भीतर LOOKUP तकनीक द्वारा प्रकट किया जाता है |

माइक्रोसॉफ्ट अपने मंगल फॉण्ट के लिए LOOKUP को नहीं रोकता, परन्तु SMP प्लेन के मिथिलाक्षर के लिए जबतक माइक्रोसॉफ्ट से अनुमति नहीं ली जाय (पैसा देकर) तबतक मिथिलाक्षर में टाइपिंग या कॉपी-पेस्ट नहीं करने देगा ! माइक्रोसॉफ्ट के ही Notepad में यदि MithilaUni फॉण्ट चुनकर उसमें “मिथिलाक्षर लेखपट्ट” से टेक्स्ट को पेस्ट किया जाय तो LOOKUP को नहीं रोकता, किन्तु मंहगे Word में LOOKUP प्रतिबन्धित है ! परन्तु Notepad में यूनिकोड पेस्ट तो हो सकता है, उसमें यूनिकोड फॉण्ट की टाइपिंग सम्भव नहीं | माइक्रोसॉफ्ट के Word में सिंबल-इन्सर्ट द्वारा यूनिकोड फॉण्ट में टाइपिंग संभव है, किन्तु यूनिकोड के SMP प्लेन से समस्त फोंट्स के LOOKUP अकारण प्रतिबन्धित हैं !

माइक्रोसॉफ्ट Word, अन्य प्रोग्रामों या किसी इन्टरनेट ब्राउज़र में देवनागरी आदि भारतीय लिपियों में भी विशेष सॉफ्टवेयर द्वारा ही टाइप किया जा सकता हैं, जैसे कि गूगल या माइक्रोसॉफ्ट के इनपुट टूल, इनस्क्रिप्ट के विभिन्न कीबोर्ड, आदि, द्वारा जिनमें रोमन लिपि द्वारा आपको देवनागरी टाइप करना पड़ेगा ! अर्थात भारतीय लिपियों में आप तभी टाइप कर सकेंगे जब आप रोमन लिपि के द्वारा टाइप करेंगे ! सभी भारतीय लिपियों में टाइपिंग को दुरूह बनाकर रोमन लिपि को अजर-अमर बनाने के इस षड्यन्त्र के पीछे वैटिकन की मंशा क्या है इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं है |

माइक्रोसॉफ्ट की ही तरह गूगल तथा भारत सरकार के CDAC की भी ऐसी ही नीतियाँ हैं — भारतीय लिपियों के प्रचलित टाइपराइटर कीबोर्ड को हटाकर ये भारतीय और विदेशी कम्पनियां मनमाने कीबोर्ड देती हैं जिनका किसी टाइपिस्ट को अभ्यास नहीं रहता है | भारत सरकार की कम्पनी ऐसा क्यों करती है यह आश्चर्य की बात है, क्योंकि सरकार तो भारतीय भाषाओं के तथाकथित प्रचार पर धन खर्च करती है जो हमलोगों से ही टैक्स वसूलकर लिया जाता है | टाइपराइटर के प्रचलित कीबोर्ड में भारतीय लिपियों का वर्ड प्रोसेसर ये लोग बनायेंगे तो भारत के टाइपिस्ट आसानी से टाइपिंग कर सकेंगे | CDAC ने मिथिलाक्षर हेतु भी ऐसा ही बेहूदा प्रोग्राम बनाया है जिसका कीबोर्ड मनमाना है और उसपर भी तुर्रा यह कि ऑनलाइन कीबोर्ड है जिससे सिंबल इन्सर्ट करना पड़ता है, अतः टाइपिंग बहुत धीमी होती है |

मिथिलाक्षर लेखपट्टिका में “Z” को छोड़कर सारे अल्फानुमेरिक (A-Z, a-z, 0-9 को alpha-numeric कहते हैं) बटन देवनागरी टाइपराइटर की तरह हैं ताकि टाइपिंग द्रुत हो | “Z” में अनावश्यक चिह्न था जिसे हटाकर आवश्यक चिह्न दिया गया | नुमेरिक बटनों के ऊपरी केस तथा अन्य बटनों में भी आवश्यक चिह्न दिए गए, ताकि सारे चिह्न कीबोर्ड में आ जाएँ | देवनागरी कीबोर्ड में दीर्घ “ऊ” के लिए कोई बटन होता ही नहीं है जो एक बड़ी समस्या है |

मिथिलाक्षर लेखपट्टिका बनाने के लिए SMP प्लेन में वर्ड प्रोसेसर बनाने का एक भी सैंपल प्रोग्राम मुझे इन्टरनेट पर नहीं मिला, या तो सैधान्तिक बकवास मिले जिनमे व्यवहारिक सहायता बिलकुल नहीं थी, या ऐसे सैंपल मिले जो SMP प्लेन के लिए बेकार थे | भारत सरकार की CDAC कम्पनी का “GIST-Tirhuta” फॉण्ट भी SMP प्लेन में किसी भी भारतीय कम्पनी का पहला प्रयास है, इसने भी गलत तरीके से BMP प्लेन में ही यह फॉण्ट बनाना आरम्भ किया था किन्तु बाद में सुधारा | परन्तु सुधारने के बाद भी बहुत सी गलतियां नहीं हटाई जिनपर बाद में एक लेख पोस्ट करना है | CDAC के “GIST-Tirhuta” फॉण्ट के सिवा अभी तक किसी भारतीय द्वारा SMP प्लेन में कोई फॉण्ट बनाया गया हो (मेरे सिवा) ऐसा उदाहरण ढूँढने पर भी अब हीतक मुझे नहीं मिल सका है |

मिथिलाक्षर का कीबोर्ड फॉण्ट मैंने १६ वर्ष पहले बनाया था जिसके द्वारा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड तथा अन्य समस्त प्रोग्रामों में शुद्ध टाइपिंग सम्भव है, किन्तु भवनाथ झा जैसे कुछ दुष्ट लोग उस पुराने फॉण्ट को आउटडेटिड कहते हैं (१६ वर्षों से उसका नाम तक नहीं लेते थे, हाल में कई लोगों ने उनको बताया तब गरियाना आरम्भ किया)| आज भी Word, Photoshop सहित समस्त प्रोग्रामों में सीधे टाइपिंग हेतु वही पुराना फॉण्ट सबसे अच्छा फॉण्ट है | एक ही फॉण्ट में उतने चिह्न संभव नहीं थे, अतः तीन फॉण्टों में सारे चिह्नों को बाँटना पड़ा था | हाल में उन सबको एक ही यूनिकोड फॉण्ट MithilaaksharKBD में मैंने समाविष्ट किया (सारे चिह्न पुराने ही हैं), क्योंकि यूनिकोड में रेंज असीमित होता है | किन्तु यूनिकोड ने मिथिलाक्षर को SMP में मान्यता दी है जिसे माइक्रोसॉफ्ट आदि ने अकारण प्रतिबन्धित कर रखा है | अतः यूनिकोड तकनीक का प्रयोग करके मैंने रोमन लिपि के लैटिन रेंज (अर्थात सामान्य कीबोर्ड) में ही MithilaaksharKBD बनाया ताकि Word, Photoshop, इन्टरनेट एक्स्प्लोरर, Chrome, आदि में मिथिलाक्षर द्वारा टाइपिंग हो सके — क्योंकि रोमन रेंज में फॉण्ट बनाने से उन प्रोग्रामों को भ्रम होता है कि रोमन लिपि है जिस कारण बाधा उत्पन्न नहीं करते ! किन्तु रोमन रेंज में LOOKUP प्रतिबंधित रहता है, अतः MithilaaksharKBD फॉण्ट में संभव होने पर भी मैंने LOOKUP तकनीक का प्रयोग नहीं किया, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में कीबोर्ड द्वारा इस फॉण्ट में टाइपिंग करें और संयुक्ताक्षरों को सिंबल-इन्सर्ट द्वारा लायें, तब उस टेक्स्ट को आप इन्टरनेट पर भी प्रयुक्त कर सकते हैं, किन्तु क्रोम की सेटिंग में उस फॉण्ट को रखना पड़ेगा (सेटिंग अथवा एक्सटेंशन द्वारा)| पुराने फॉण्ट से बने MithilaaksharKBD की खूबी यह है कि सम्पूर्ण क्रोम ब्राउज़र को उसके सारे बटन आदि सहित आप मिथिलाक्षर (अथवा अपनी मनचाही लिपि)में परिवर्तित कर सकते हैं, इस विधि द्वारा इन्टरनेट से रोमन लिपि को पूरी तरह हटाना सम्भव है |

यूनिकोड में मिथिलाक्षर SMP प्लेन में है जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने अकारण प्रतिबन्धित कर रखा है, अतः मुझे इसके लिए अलग से “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” वर्ड प्रोसेसर बनाना पड़ा | “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” में सीधे कीबोर्ड द्वारा मिथिलाक्षर टाइपिंग की जाती है जबकि मिथिलाक्षर SMP प्लेन में है जिसका प्रावधान माइक्रोसॉफ्ट Word या Charmap में है ही नहीं |

सभी भारतीय लिपियों के लिए विदेशी कम्पनियां इस तरह की समस्याएं जानबूझकर खड़ी करती हैं ताकि भारतीय लिपियाँ लुप्त हो जाएँ और रोमन लिपि का प्रचार हो | देवनागरी के कीबोर्ड वाले फॉण्टों में भी दीर्घ ऊ के लिये कोई बटन होता ही नहीं था , जिस सॉफ्टवेयर में सिंबल इन्सर्ट की सुविधा नहीं थी उसमें आप देवनागरी ठीक से टाइप ही नहीं कर सकते थे | अब यूनिकोड फॉण्टों के आने से इस तरह की समस्यायें घटने की बजाय बढ़ गयी है — किसी भी भारतीय लिपि में ऐसा कोई यूनिकोड फॉण्ट नहीं है जिसके लिए टाइपराइटर वाले कीबोर्ड में टाइप कर सकें, या तो मनमाने ले-आउट वाले कीबोर्ड बनाए जाते हैं या फिर रोमन लिपि में देवनागरी, बांग्ला, तमिल, आदि टाइप करना पड़ता है | स्पष्ट है कि एक गुप्त षड्यन्त्र के अन्तर्गत भारतीय लिपियों को अलोकप्रिय बनाने की परियोजना चल रही है जिसमें भारत सरकार भी सम्मिलित है — सरकारी कम्पनियों, जैसे कि CDAC, के प्रोग्राम उदाहरण हैं |

फिलहाल मिथिलाक्षर में टाइपिंग हेतु “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” एकमात्र कीबोर्ड-टाइपिंग वाला प्रोग्राम है, दूसरा प्रोग्राम है सरकारी CDAC का किन्तु उसका फॉण्ट भी गलत है और उसमें कीबोर्ड मनमाना है | परन्तु “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” एक सरल नोटपैड है, इसमें एक बार में एक ही फॉण्ट, एक ही फॉण्ट साइज़, एक ही फॉण्ट शैली सम्भव है | माइक्रोसॉफ्ट Word की तरह जटिल सॉफ्टवेयर मिथिलाक्षर हेतु बनाने में बहुत समय लगेगा | “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” में टाइप करके माइक्रोसॉफ्ट Word में उसे विभिन्न फॉण्ट साइज़, शैली, रंग, आदि में संयोजित किया जा सकता था किन्तु माइक्रोसॉफ्ट Word में SMP प्रतिबन्धित होने के कारण उसमें यूनिकोड रेंज के किसी भी मिथिलाक्षर फॉण्ट का उपयोग सम्भव नहीं, माइक्रोसॉफ्ट Word के लिए MithilaksharaKBD ही सर्वोत्तम है (जिसमें विब्भिन्न फॉण्ट साइज़, रंगों, आदि में एक ही डॉक्यूमेंट में टाइपिंग संभव है, हालांकि भवनाथ झा जैसे लोग इसे “आउटडेटिड” कहते हैं)|

“मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” से अधिक जटिल तथा माइक्रोसॉफ्ट Word से कुछ सरल एक सॉफ्टवेयर का उदाहरण मैंने पिछले पोस्ट में दिया था जिसमें SMP प्रतिबन्धित नहीं है, अतः “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” में टाइप सामग्री को उसमें पेस्ट करके अनेक फॉण्ट साइज़, रंगों, शैलियों, आदि में एक ही डॉक्यूमेंट को संयोजित किया जा सकता है और फोटो भी उसमें पेस्ट हो सकता है | अन्य भारतीय एवं अन्यान्य लिपियों के लिए भी उस सॉफ्टवेयर का प्रयोग हो सकता है क्योंकि उसमें LOOKUP कार्य करता है | उसका नामकरण मैंने रखा है “यूनिवर्सल वर्डपैड”, अभी वितरित नहीं किया है | उसमें सीधे टाइपिंग भी कर सकते हैं, किन्तु उसमें यूनिकोड फॉण्ट हेतु विशेष इनपुट टूल की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि कीबोर्ड लैटिन रेंज में है, जैसा कि यूनिकोड का नियम है | अतः “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” में टाइप करके “यूनिवर्सल वर्डपैड” में पेस्ट करने के बाद फॉण्ट साइज़, रंगों, शैलियों को बदला जा सकता है, जिसका स्क्रीनशॉट पिछले पोस्ट में मैंने दिखाया था | अन्य भारतीय लिपियों के लिए भी इस तरह “यूनिवर्सल वर्डपैड” का प्रयोग किया जा सकता है | माइक्रोसॉफ्ट वर्ड केवल एक प्लेन (BMP) के लिए है किन्तु “यूनिवर्सल वर्डपैड” सारे 17 यूनिकोड प्लेनों के लिए है |

“मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” तथा “यूनिवर्सल वर्डपैड” – ये दोनों सॉफ्टवेयर Visual-C# में बनाए गए हैं, किन्तु दोनों को जोड़कर एक सॉफ्टवेयर बनाना दुष्कर है क्योंकि तब बहुत से मोड्यूल आपस में टकरायेंगे | “यूनिवर्सल वर्डपैड” में मैंने “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” का कोड जोड़ दिया है और प्रोग्राम के कार्य करने में कोई रुकावट भी नहीं आ रही है, किन्तु केवल “यूनिवर्सल वर्डपैड” वाला हिस्सा ही कार्य कर रहा है, “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” वाला हिस्सा दबा रह जाता है | एक ही सॉफ्टवेयर में दोनों कार्य करने लगें तो विश्व का सर्वोत्तम वर्ड प्रोसेसर बन जाएगा जिसमें संसार की सभी लिपियों में शुद्ध टाइपिंग हो सकेगी | फिलहाल यही रास्ता है कि “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका”(अथवा आपकी अपनी लिपि के नोटपैड) में टाइप करें और “यूनिवर्सल वर्डपैड” में पेस्ट करके उसे मनचाहा रूप-रंग दें | कुछ और सुधार करने के बाद “यूनिवर्सल वर्डपैड” को अपलोड कर दूंगा |

इतना बता दूं कि “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” के लिए इसका फॉण्ट (MithilaUni.ttf) इनस्टॉल करना आवश्यक नहीं, फॉण्ट इस सॉफ्टवेयर के भीतर ही Embedded है | इस सॉफ्टवेयर की दूसरी खासियत यह है कि इसके अगले वर्शन (फॉण्ट सहित) आपको इनस्टॉल नहीं करने पड़ेंगे, आपका कम्प्यूटर ऑनलाइन रहेगा तो जैसे ही इस सॉफ्टवेयर का नया वर्शन अपलोड किया जाएगा, आपके कम्प्यूटर में इनस्टॉल हो जाएगा | किन्तु इस सॉफ्टवेयर का वेबसाइट (wikidot) पोलैंड की एक कम्पनी से लिया हुआ मुफ्त का मेरा वेबसाइट है, स्वतः अपडेट वाले लक्षण को पोलैंड की यह कम्पनी प्रतिबन्धित करती है या नहीं यह मुझे पता नहीं | अतः कुछ काल के पश्चात “मिथिलाक्षर लेखपट्टिका” का तीसरा वर्शन मैं अपलोड करने जा रहा हूँ, स्वतः इंस्टाल हुआ या नहीं इसकी सूचना मुझे चाहिए | यदि स्वतः इंस्टाल वाला लक्षण कार्य करेगा तो “यूनिवर्सल वर्डपैड” में भी ऐसा कर दूंगा और कालान्तर में उसे सभी भारतीय लिपियों के लिए सुगम बना दूंगा |

इस तरह की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए मैं एक ऐसा वर्ड प्रोसेसर चाहता हूँ जिसमें संसार की समस्त आधुनिक तथा प्राचीन लिपियों की टाइपिंग सम्भव हो
और यूजर अपनी सुविधा के अनुसार कीबोर्ड ले-आउट बदल सके | यह कठिन कार्य है किन्तु सम्भव है |

मैंने पैसा देकर माइक्रोसॉफ्ट का ऑफिस खरीदा, उसका Word मेरी लिपि ‘मिथिलाक्षर’ के साथ कैसा व्यवहार करता है इसका उदाहरण संलग्न है — SMP से रोमन या देवनागरी लिपि को कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी SMP प्लेन में LOOKUP को प्रतिबन्धित किया गया है ताकि मिथिलाक्षर में न तो टाइपिंग सम्भव हो और न ही कॉपी-पेस्ट

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