मोदी सरकार ने विकास के लिए अब तक क्या किया है? यह प्रश्न है जो अक्सर हम में से कई लोगों के मन में आता है| यहां हम अपने पाठकों के लिए लाए हैं उन परियोजनाओं का लेखा-जोखा जिन्हें मोदी सरकार ने शुरू किया, पूरा किया या मृतप्राय: हो चुकी परियोजनाओं को जीवनदान देकर उन्हें पूर्णता तक पहुंचाया।

1. किशनगंगा प्रोजेक्ट:-

इस सूची में सबसे पहले बात करते हैं किशनगंगा प्रोजेक्ट की। 330 मेगावाट के इस हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट का कार्य 2007 में शुरू हुआ था। हालांकि तब इस कार्य को 2016 तक पूरा कर देना तय हुआ था, लेकिन भारत-पाकिस्तान विवादों के चलते इस विकास प्रोजेक्ट के पूरे होने में विलंब होता गया। हालांकि इसे लेकर पाकिस्तान की ओर से विरोध किया गया, लेकिन काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर ने भारत को निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति दे दी और 19 मई 2018 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किशनगंगा हाइड्रोपावर प्लांट का उद्घाटन किया।

2. भवन-भैरो पैसेंजर रोपवे:-

24 दिसंबर 2018 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने भवन-भैरो घाटी पैसेंजर रोपवे का उद्घाटन किया। एक घंटे में 800 यात्रियों को ले जा सकने की क्षमता वाले इस रोपवे प्रोजेक्ट ने पहले के यात्रा समय को एक घंटे से घटाकर आधा घंटा कर दिया। इस विकास प्रोजेक्ट से सबसे ज्यादा लाभ उम्रदराज और दिव्यांग श्रद्धालुओं को पहुंचा, जिन्हें पहले 6600 फीट की सीधी चढ़ाई करनी पड़ती थी।
वैष्णो देवी-भैरो घाटी रोपवे का हुआ उद्घाटन, 3 मिनट में पूरी होगी 3 घंटे की यात्रा

वैष्णोदेवी भवन-भैरो पैसेंजर रोपवे

3. कोल्लम बाईपास:-

मेवाराम और कवनड को जोड़ने वाले केंद्र और राज्य सरकार का इस संयुक्त उपक्रम का प्रस्ताव 47 साल पहले 1972 में रखा गया था। 1993 में तीन किलोमीटर का निर्माण हुआ और 1.5 किलोमीटर का निर्माण 1999 में हुआ। निर्माण कार्य का तीसरा फेज मई 2015 में शुरू हुआ और 2019 में प्रोजेक्ट का बाकी बचा 8.6 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूरा हुआ। 13.14 किलोमीटर लंबे इस बाईपास का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जनवरी 2019 को किया था।
प्रधानमंत्री ने 13 किमी दुर्गम कोल्लम बाईपास का केरल में किया उद्घाटन

4. बाणसागर नहर परियोजना:-

इस नहर परियोजना में तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार की हिस्सेदारी है। तीनों राज्यों के बीच पानी और पावर के विभाजन की हिस्सेदारी है। बांध के प्रोजेक्ट का प्रस्ताव 1956 में रखा गया था, तब इसे डिंबा प्रोजेक्ट नाम दिया गया था। इसे लेकर तीन राज्यों के बीच 1973 में समझौता हुआ और 1978 में इसका कार्य शुरू हो सका। 15 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने 425 मेगावाट पावर के इस विकास प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। इस नहर परियोजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में 1500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल, मध्यप्रदेश में 2490 वर्ग किलोमीटर और बिहार में 940 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की सिंचाई होती है।

एशिया की सबसे बड़ी नहर परियोजना ‘बाणसागर’ पूरी, यूपी को होगा बड़ा फायदा

5. बोगीबील रेल पुल:-

असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना बोगीबील पुल रेल व रोड का संयुक्त पुल है। अपनी तरह का सबसे बड़ा यह पुल 4.94 किलोमीटर लंबा है और धेमाजी व डिब्रूगढ़ जिलों को जोड़ता है। इस पुल का निर्माण कार्य 2002 में शुरू हुआ था और तब इसके पूरे होने में 6 साल का समय लगने की उम्मीद थी, लेकिन धन की कमी और कई कारणों के चलते लंबे समय तक इसका काम रुका रहा। 25 दिसंबर 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन किया।
खुल गया देश का सबसे लंबा रेल-रोड ब्रिज (Bogibeel Bridge) जानें 10 खास बातें
रेलवे के लिए वरदान साबित हो रहा है ब्रह्मपुत्र नदी पर बना बोगीबिल ब्रिज

ब्रह्मपुत्र नदी पर बना देश का सबसे लंबा रेल कम रोड ब्रिज बोगीबिल ब्रिज

6. पाक्योंग एयरपोर्ट, सिक्किम:-

990 एकड़ क्षेत्रफल में बना पाक्योंग एयरपोर्ट एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है। यह देश का सौवां ऑपरेशनल एयपोर्ट है। इसके निर्माण से पहले सिक्किम अकेला ऐसा राज्य था जहां कोई क्रियाशील एयरपोर्ट नहीं था। हालांकि, 2012 में यहां एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते प्रोजेक्ट टल गया। इसके बाद अक्टूबर 2015 में कार्य फिर शुरू हुआ। 24 सितंबर 2018 को इस एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया। चार अक्टूबर 2018 को यहां से पहली व्यावसायिक फ्लाइट ने यहां से उड़ान भरी।
सिक्किम के पाक्योंग एयरपोर्ट की 10 खास बातें
पाक्योंग एयरपोर्ट : स्वर्ग-सा सुंदर एक हवाई अड्‍डा

सिक्किम का पहला और सामरिक महत्व का एयरपोर्ट: पाक्योंग एयरपोर्ट

7. ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे:-

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के जरिये दिल्ली से 50 हजार ट्रकों को डाईवर्ट करने की उम्मीद है। इससे दिल्ली की वायु में 27 फीसदी तक शुद्धता आने की अनुमान है। नवंबर 2015 में इसकी आधारशिला रखी गई थी। फरवरी 2016 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने इसका निर्माण पूरा होने की तारीख जुलाई 2018 तय की थी। कई आरोपों के बावजूद ये विकास प्रोजेक्ट तय समय से पहले पूरा हो गया और 27 मई 2018 को इसका उद्घाटन हुआ।
अद्भुत है पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, 4 घंटे का सफ़र अब सवा घंटे में होगा पूरा, 10 खास बातें

 135 किमी लंबा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे
135 किमी लंबा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे

8. कोटा-चंबल पुल:-

कोटा में 1.5 किलोमीटर लंबे इस केबल ब्रिज का प्रस्ताव 2006 में रखा गया था। इसके निर्माण के लिए 40 महीने का समय नियत किया गया था और 2012 में इसकी शुरुआत होनी थी। कई दिक्कतों के चलते इसके निर्माण में देरी होती रही। अंतत: 29 अगस्त 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने इस पुल का उद्घाटन किया।
देश के सबसे बड़े हैंगिंग ब्रिज का हुआ उद्घाटन, ये हैं खासियतें
चंबल नदी पर 330 करोड़ रू के तीन ब्रिज साकार किए

देश का सबसे बड़ा कोटा हैंगिंग ब्रिज

9. नमामि गंगा कार्यक्रम:-

गंगा को शुद्ध करने के लिए तैयार किया गया यह कार्यक्रम केंद्र सरकार ने जून 2014 में प्रारंभ की थी। गंगा शुद्धता के साथ प्रदूषण उन्मूलन भी इस कार्यक्रम का पर्मुख लक्ष्य था। नमामि गंगे कार्यक्रम की घोषणा 20 हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ की गई थी, जिसमें सीवरेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर, रिवर फ्रंट विकास, रिवर सरफेस क्लीनिंग, बायोडाईवर्सिटी, जन जागरूकता और गंगा ग्राम इसका हिस्सा हैं।
‘नमामि गंगे’ को दी जाएगी PM मोदी को मिले उपहारों की नीलामी से मिली राशि
कुम्भ के दौरान गंगा का जल पहले से हुआ बहुत स्वच्छ
मथुरा: नमामि गंगे परियोजनाओं का नितिन गडकरी ने किया शिलान्यास

10. मुंद्रा एलएनजी टर्मिनल:-

यह टर्मिनल हर साल पांच मिलियन टन एलएनजी संभालने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही यह विकास प्रोजेक्ट भारत के गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर एक बेहतर कदम है। सितंबर 2015 में इस टर्मिनल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और इसका उद्घाटन अक्टूबर 2018 में किया गया।

11. राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, हरियाणा:-

हरियाणा का राष्ट्रीय कैंसर संस्थान देश का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल है। 2035 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संस्थान में 710 बेड की क्षमता है। इनमें दो सौ बेड रिसर्च प्रोटोकॉल के तहत कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए आरक्षित हैं। जनवरी 2019 में इस संस्थान का उद्घाटन किया गया। अस्पताल की सभी ओपीडी तीन पेज में शुरू होंगी। पहले फेज में 250 बेड होने की संभावना है और दिसंबर तक इनडोर एडमिशन 500 बेड तक पहुंच जाएगा।
देश का सबसे बड़ा कैंसर संस्थान झज्जर में बनकर तैयार

झज्जर में बनकर तैयार, सबसे बड़ा कैंसर हॉस्पिटल

12. सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल:-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 जनवरी 2019 को इस अस्पताल का उद्घाटन किया। यह अस्पताल महान नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित है। 750 करोड़ रुपये की लागत से बना यह अत्याधुनिक अस्पताल अहमदाबाद में है। 18 मंजिला इमारत के इस असप्ताल की क्षमता 1600 बेड की है।
18 फ्लोर, 1600 बेड, प्रधानमंत्री मोदी ने जिस अस्‍पताल का किया उद्घाटन उसमें हैं ये सुविधा

सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल, अहमदाबाद

13. सोलापुर-तुलजापुर-उस्मानाबाद राजमार्ग:- 

9 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री ने चान लेन वाले सोलापुर-तुलजापुर-उस्मानाबाद राजमार्ग का उद्घाटन किया। 58 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग का निर्माण कार्य 2014 में प्रारंभ हुआ था। 972.50 करोड़ रुपये की लागत से यह राजमार्ग चार साल में बनकर तैयार हो गया।

14. दूसरा झारसुगुड़ा एयरपोर्ट:-

वीर सुरेंद्र साय हवाई अड्डे के रूप में नामित, दूसरे झारसुगुड़ा हवाई अड्डे का उद्घाटन 22 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। हालांकि एयरपोर्ट को राज्य सरकार से 2012 में ही अनुमति मिल गई थी, लेकिन पूरे एयरपोर्ट के निर्माण के लिए इस विकास प्रोजेक्ट को टर्मिनल बिल्डिंग और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर के साथ 275.75 एकड़ भूमि की अतिरिक्त आवश्यकता थी। 30 जुलाई 2014 को ओडिशा सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के बीच समझौता हुआ और पर्यावरण और वन मंत्रालय भी इसके लिए तैयार हो गया। 2018 में डीजीसीए ने झारसुगुड़ा एयरपोर्ट को राज्य के दूसरे फंक्शनल एयरपोर्ट का दर्जा दे दिया।
छह शहरों को जोड़ेगा झारसुगुड़ा एयरपोर्ट

15. वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे:-

छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे 135.6 किलोमीटर लंबा है। कुंडली से पलवल तक जाने वाले इस एक्सप्रेस में 52 अंडरपास, 23 ओवरपास और 10 टोल प्वाइंट्स हैं। इसका प्रस्ताव सबसे पहले 2003 में रखा गया था, लेकिन 2016 तक इसमें देर ही होती रही। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया और अप्रैल 2016 में इसके एक भाग का नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया था। हालांकि पूरे एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य नवंबर 2018 पूरा हो पाया।
वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे शुरू, दिल्ली को दिवाली तक भारी वाहनों से मिलेगी राहत

16. वाराणसी मल्टी मॉडल पोर्ट:-

जल मार्ग विकास प्रोजेक्ट के तहत निर्मित अंतर्देशीय नदी बंदरगाह कोलकाता और हल्दिया बंदरगाहों को सीधे संपर्क प्रदान करता है। यह परियोजना एक साथ दो जहाजों को लंगर डालने और 1.2 एमटीपीए की कार्गो हैंडलिंग क्षमता रखती है। अन्य सुविधाओं में पार्किंग एरिया, कमोडिटी ट्रांजिट शेड, एक डिपॉजिट एरिया और एक फ्लोटिंग जेटी (तैरता घाट) है। 
वाराणसी मल्टी मॉडल पोर्ट का निर्माण कार्य 2016 में शुरू हुआ था और नवंबर 2018 तक इसे पूरा कर लिया गया।

यह भी पढ़ें,

पिछले पांच साल में केंद्र सरकार ने किए हैं ये 13 बड़े काम

प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरों से क्या मिला देश को?

मोदी सरकार की मुद्रा योजना का कैसे उठाएं लाभ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here