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Friday, December 12, 2025
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अविनाश भारद्वाज शर्मा

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लेखक भारतीय इतिहास, संस्कृति, धर्म एवं अध्यात्म के गहन जानकार हैं

साम्राज्यलक्ष्मी का प्रकटीकरण राजा के लिए जरूरी

सामान्य जन और साधकों के लिये शास्त्र का आदेश है की वो अपनी साधन-भजन-अर्चन को गोप्य रखें। परंतु श्रीमंतो, धनिकों और राजन्यवर्ग जब अपने...

शालिग्राम शिलाओं से मूर्तियाँ बनाने की प्राचीन कला हो रही लुप्त

भारत में प्राचीन काल से ही श्री मंदिर के विग्रहों के लिये विशेष पाषाण चुनने का चलन रहा है| प्राचीन काल से संभवतः आज...

सनातन धर्म के शैव सम्प्रदाय

" लयनात इति लिंगमुच्यते " जिसमे सर्व सृष्टि लय हो जाये वही लिंग है अर्थात सकल जगत लय होजाने के बाद शेष बचे वह अर्थात...

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