3.5 C
Munich
Friday, December 12, 2025
- Advertisement -spot_img

CATEGORY

ज्योतिष

महामारी जनित उपसर्गों का शास्त्रोक्त विवरण एवं शमन

॥ नमः प्रकृत्यै ।। लेखक:- पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’ मुख्याचार्य- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या मार्गदर्शक:-  श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पञ्चाङ्गम्, जयपुर   शिवदूति महाकालि भैरवि प्रलयेश्वरि । रक्ष रक्ष जगन्मातर्मा मां स्पृशतु कोपतः...

शास्त्रानुसार व्रतोपवासादि में सूर्यसिद्धान्तीय पञ्चाङ्ग ही ग्राह्य

लेखक:- पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’ (मुख्याचार्य- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या) साङ्गोपाङ्गाय वेदाय ज्योतिषां ज्योतिषे नमः । सूर्याय सूर्यसिद्धान्तज्योतिर्विद्भ्यो  नमो नमः ।। व्रतोत्सवादि सम्पादनार्थ एवं यज्ञोपनयनादि धार्मिककृत्यों के लिये सम्यक् कालपरिज्ञानार्थ...

सूर्यसिद्धान्त सार्वकालिक और सार्वभौमिक है

विक्रमादित्य के नवरत्न वराहमिहिर की पञ्चसिद्वान्तिका−१⁄३१ में सूर्यसिद्धान्त को “सौर” सिद्धान्त की संज्ञा दी गयी तथा पञ्चसिद्वान्तिका−१⁄४२ में इसे “सावित्र” सिद्धान्त कहा गया। अतः...

राक्षस संवत्सर है संवत् 2078, अ.भा.विद्वत्परिषद, काशी ने लगाई मुहर

◆संवत् २०७८ है राक्षस संवत्सर◆ ◆लुप्तसंवत्सर में विवाद क्यों ?◆ -- आचार्य श्री विनय झा, त्रिस्कन्ध ज्योतिर्विद्, सूर्यसिद्धान्तीय गणितज्ञ संरक्षक, अखिल भारतीय विद्वत्परिषद, वाराणसी गणितज्ञ, आदित्य पञ्चाङ्ग (काशी), श्रीसर्वेश्वर...

2078 राक्षस नाम संवत्सर ही शास्त्रीय

◆वर्ष २०७८ राक्षस नाम संवत्सर ही शास्त्रीय◆ -- डॉ. पारसनाथ ओझा, प्रधान सम्पादक, श्रीआदित्य पञ्चाङ्ग वाराणसी   ◆ प्रभवादि संवत्सर का आनयन- आचार्यों ने सौरमान, चान्द्रमान तथा मध्यम...

‘श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पंचांग’ केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर में विमोचित

चैत्र अमावस्या, २०७७, 12 अप्रैल, 2021 को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के डॉ. हिन्दकेसरी सभागार में राजस्थान के एकमात्र सूर्यसिद्धान्त गणना पर आधारित पञ्चाङ्ग...

राजस्थान का एकमात्र सूर्यसिद्धान्तीय श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पञ्चाङ्ग प्रकाशित

नम्र निवेदन - श्रीनिम्बार्क परिषद् सादर सूचित किया जा रहा है कि आराध्यदेव ठाकुर श्रीगोविन्ददेवजी एवं ठाकुर श्रीसरसबिहारीजी की असीम अनुकम्पा से प्राचीन गणित श्रीसूर्यसिद्धान्त पर...

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर में पंचांग सम्पादन कार्यशाला आयोजित

आगामी संवत् 2078 से श्रीनिम्बार्क परिषद्, जयपुर द्वारा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर परिसर के सहयोग से राजस्थान का एकमात्र सूर्यसिद्धान्तीय पंचांग 'श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पंचांग'...

क्यों और कब लगता है प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक में कुंभ?

मानव जीवन का परम एवं चरम लक्ष्य है अमृत्व की प्राप्ति। पुराण वर्णित देवासुर संग्राम में समुद्र मंथन से अमृत कलश प्रकट हुआ था|...

स्वतंत्र भारत की कुण्डली में ऐसी है ग्रहों की स्थिति

ज्योतिष अपने आप में एक क्लिष्ट विद्या है। उसमें भी मेदिनी ज्योतिष तो बहुत ही कठिन है। कोई बहुत समय लगाकर व्यक्तिगत कुण्डली पर...

Latest news

- Advertisement -spot_img