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Friday, December 12, 2025
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Book Reviews

“Inside The Hindu Mall” – Abhijeet Singh

Abhijeet Singh जी द्वारा लिखित "Inside The Hindu Mall" पुस्तक उन युवाओं के लिए एक रौशनी है जो हिन्दुत्व से दूर वामपंथ के अँधेरे...

‘लड़का हुआ है’- दायित्वों और नारीवाद के बीच पिसते पुरुष का यथार्थ चित्रण

आचार्य जगन्नाथ के साहित्य बोध 'रमणीयार्थ-प्रतिपादक: शब्द: काव्यं' को आधुनिकता की कसौटी पर कसते हुए कहा जा सकता है- 'सामाजिक पक्षों का यथार्थ चित्रण...

Book Review: Maria Wirth’s ‘Thank You India’

During the release of my book “Thank you India” at the Dehradun Litfest last November, I met Hemant Kumar and his wife Monica. Meanwhile,...

किस प्रकार रूस के कम्युनिस्ट शासन ने की दो करोड़ हत्याएं

ब्रिटिश अमेरिकन इतिहासकार एवं कवि Robert Conquest (15 जुलाई 1917- 3 अगस्त 2015) ने 1968 में सोवियत यूनियन में स्टालिन द्वारा किये गये लगभग...

1984 और एनिमल फार्म, लेनिनवादी मूक बधिर समाज का नमूना

जॉर्ज ऑर्वेल की दो महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं- Animal farm तथा 1984. Animal farm को तो मैंने बहुत पहले पढ़ा था, लेकिन 1984 को अभी...

जब एक कम्युनिस्ट ने कहा, “लोगों को खून का स्वाद लेने दो”!

अभी हाल ही में मैंने राज थापर की पुस्तक All these years पढ़ी। राज थापर (1926- 1987) के निधन के बाद उनके डायरी से...

कम्युनिस्ट विचारधारा के अंधविश्वास

अभी कुछ दिन पहले ही हॉवर्ड फास्ट की पुस्तक The Naked God: The Writer and The Communist Party पढ़ा। फास्ट ने 17 वर्ष की...

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