क्या कन्यादान सिर्फ खैरात है? क्यों होता है कन्यादान और क्या यह स्त्री का अपमान है? जानिए हिन्दू विवाह संस्कार में कन्यादान का सही अर्थ, उसका सांस्कृतिक और वैदिक महत्व। पढ़ें वरदान बनाम कन्यादान की सच्ची व्याख्या, ब्रह्म विवाह का रहस्य और उन कुतर्कों का उत्तर जो हिन्दू परम्पराओं को गलत साबित करते हैं।
संत रविदास निम्न लेख प्रतिज्ञ @RamaInExile द्वारा लिखित है। संत रविदास
संत शिरोमणि वैष्णवाचार्य संत रविदास जी रामानंदी संप्रदाय के एक महान आचार्य थे। श्री आद्य गुरु...
धर्मराज युधिष्ठिर को जुआरी कहना गलत है ।
धर्मराज युधिष्ठिर ने जीवन में कितनी बार द्यूत खेला?“व्यसनी” कहलाने के लिये कितनी बार खेलना पड़ता है?
द्यूतविद्या...
कृष्णपक्ष!उसपर अष्टमी!वह भी दक्षिणायन वाली!केवल पूर्णावतार ही इसे झेल सकते हैं,और इसे शुभ बना सकते हैं!
एक महायुग में श्रीविष्णु के दस अवतार होते हैं...
चन्द्रप्रभं पंकजसन्निषण्णं
पाशांकुशाभीतिवरं दधानम्।
मुक्ताविभूषांचितसर्वगात्रं
ध्यायेत् प्रसन्नं वरुणं विभूत्यै।
जिनके शरीर की कांति चंद्रमा के समान है, जो पंकज पर आसीन हैं, जो अपने हाथों में पाश, अंकुश,...
चातुर्मास्य-व्रतविधान
लेखक:- पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’
मुख्याचार्य- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या
श्रीवृन्दावन धाम
स्वस्थशरीर के साथ ही मन, बुद्धि, चित्त और अहङ्कारादि की परिशुद्धि के लिये शास्त्रों ने चातुर्मास्य व्रत...