Sunday, June 8, 2025
मानव जीवन का परम एवं चरम लक्ष्य है अमृत्व की प्राप्ति। पुराण वर्णित देवासुर संग्राम में समुद्र मंथन से अमृत कलश प्रकट हुआ था| भगवान विष्णु ने स्वयं मोहिनी रूप धारण कर दैवी प्रकृति वाले देवताओं को...
रुद्रम्मा देवी ये 13 वीं शताब्दी में काकतीय वंश की महिला शासिका थीं। इन्होंने अपने समय मे समाज के निचले तबके से लोगों को सेना में भर्ती किया और उन्हें जागीरें भी दीं। मुख्य...
भारत में प्राचीन काल से ही श्री मंदिर के विग्रहों के लिये विशेष पाषाण चुनने का चलन रहा है| प्राचीन काल से संभवतः आज से करीब डेढ़ सौ साल पहले तक, जब से जयपुर में मूर्तिकारों...
प्रधानमंत्री हुए भारत विरोधी दुष्प्रचार का शिकार तमिल भाषा एक बार फिर से चर्चा में है। कारण पीएम मोदी द्वारा 'मन की बात' में तमिल को संस्कृत से प्राचीन बताया गया। इससे पहले...
भद्रं इच्छन्तः ऋषयः स्वर्विदः, तपो दीक्षां उपसेदु: अग्रे ! ततो राष्ट्रं बलं ओजश्च जातम्, तदस्मै देवा उपसं नमन्तु !! अर्थववेद के इस मन्त्र में कहा गया है, दतिया " आत्मज्ञानी ऋषियों ने जगत का कल्याण करने की इच्छा से सृष्टि के प्रारंभ...
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल - कन्याकुमारी, एक एतिहासिक संघर्ष का प्रतीक सम्पूर्ण देश में घूमता हुआ भ्रमणशील संन्यासी भारत के दक्षिणी अंतिम छोर पर पहुंचा जहाँ पर प्राचीनकाल से भगवती कन्याकुमारी का मंदिर स्थित है। संन्यासी माँ भगवती के...
लोक में कबीर और तुलसीदास के सत्संग (एनकाउंटर) की अनेक कथाऐं व्याप्त हैं वामदृष्टि मसिजीवी चाहे जो भी कहें। मसलन, एक कथा सबने सुनी है कि भूजा भूजने वाली भरभूज से कबीर भूजा मांगते हैं कि ‘ऐ मेरे बाप...
संयोग: जिसकी पुनरावृति कभी न हो पाई - कोई भी तस्वीर इंटरनेट पर एक बार आ जाने के बाद ‘rare photo’ नहीं कही जा सकती. Solvay Conference (सन 1927) की यह तस्वीर (दिए गए चित्र में ) भी उपरोक्त सन्दर्भ में दुर्लभ...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक श्री मधुकर दत्तात्रेय देवरस उपाख्य बालासाहब देवरस ‘सामाजिक समरसता और सेवाकार्यों द्वारा सामाजिक उत्थान’ के पुरोधा के रूप में जाने जाते हैं। बाल्यकाल से जीवन के अंतिम क्षण समाज में फैले कुरीतियों, विषमताओं...
सीताराम गोयल द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक 'History of Hindu Christian Encounters' (A. D. 304 to1996) प्रथम वॉर 1986 में प्रकाशित हुई, जिसका दूसरा विस्तृत संस्करण 1996 में प्रकाशित हुआ । Koenraad Elst ने पुस्तक पढ़कर 1989 में गोयल...
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