Saturday, June 7, 2025
ट्रैड निम्न लेख प्रतिज्ञ @RamaInExile द्वारा लिखित है। ट्रैड मेरे साथ विगत कुछ महीनों में जो घटनाएं हुई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया। घटनाओं में घटकों के वास्तविक रूप से मैं अनभिज्ञ था। मेढक के बच्चे के भांति...
'श्रीरामभक्ता शबरी भीलनी नहीं ब्राह्मणी थी' लेखक:- पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’ मुख्याचार्य- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या मार्गदर्शक:-  श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पञ्चाङ्गम्, जयपुर   निम्न ग्रन्थ में शास्त्रों का अन्वेषण करके सप्रमाण श्रीरामभक्ता शबरी का ब्राह्मण होना सिद्ध किया गया है। सत्यान्वेषण करने वाले पाठक पूर्ण मनोयोग पूर्वक...
साहित्य भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के प्रकाण्ड विद्वान् और ओजस्वी वक्ता तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हरवंशलाल ओबराय (1925-1983) को जाननेवाले और बतानेवाले अब कम ही लोग जीवित हैं। आज डॉ. ओबराय जी की...
जाति और हिन्दू संगठन पर दोनों वाक्यों को ध्यान से पढिये और अंतर समझिए। 1. "जब तक हिन्दू में जातिभाव समाप्त नहीं होता, हिन्दू संगठन और हिन्दू जागरण असम्भव है।" - वीर सावरकर 2. "यदि हिन्दू जागृत हो गया तो वह स्वतः...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्या करता और मानता है? जब मैं छोटा था तब स्कूल में एक व्यक्ति ने धूम्रपान पर भाषण दिया था। वह भाषण इतना जबरदस्त था कि बाद में कई वर्ष तक मैं यही सोचता था कि दुनिया...
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी इजरायल पर, अपनी पुस्तक 'सेतुबन्ध' में लिखते हैं, "दो हजार वर्ष पूर्व आक्रमणकारियों ने इजराइल को तहस-नहस कर डाला। वहाँ के कुछ लोग विश्व में भिन्न-भिन्न स्थानों में बिखर चुके थे, फिर भी अपने आत्मगौरव से...
भारत के वास्तविक चरित्र और स्वरूप को ईसाई जनता तक या पश्चिमी लोक तक न पहुँचने देने में चर्च नियंत्रित मीडिया का बहुत बड़ा हाथ है। उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी तक यह तन्त्र पूर्ण सफल होने के कारण अत्यन्त...
"हमारे देश में जनतंत्र की गम्भीर असफलताओं में कम्युनिज्म की बढ़ती हुई विभीषिका है, जो जनतान्त्रिक विधान की मानी हुई शत्रु है। जनता के समक्ष की गई अपनी आर्थिक अपील में कम्युनिस्टों से कही पिछड़ न जायें, इस प्रयास...
"जहाँ तक ईसाइयों का सम्बन्ध है, ऊपरी तौर से देखने वाले को तो वे नितान्त निरूपद्रवी ही नहीं वरन् मानवता के लिए प्रेम एवं सहानुभूति के मूर्तिमान स्वरूप प्रतीत होते है। उनकी वक्तृतायें 'सेवा' एवं 'मानवोद्धार' जैसे शब्दों से...
मुसलमानों की स्वाभाविक प्रवृत्ति व तद्जनित आसन्न राष्ट्रीय संकट के बारे में श्रीगुरुजी की स्पष्ट धारणा उनकी पुस्तक "विचार नवनीत" (Bunch of Thoughts) से मिलती है, श्रीगुरुजी कहते हैं, "विभाजन के बाद यह कहने वाले अनेकों लोग मौजूद हैं कि...
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