4.7 C
Munich
Friday, December 12, 2025

“गावो जगन्मातरः” – आचार्य गंगाधर पाठक | डाउनलोड करें

Must read

पण्डित गङ्गाधर पाठक
पण्डित गङ्गाधर पाठक
मुख्याचार्य - श्रीरामजन्मभूमिपूजन, अयोध्या

‘गावो जगन्मातरः’

लेखक:- पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’
मुख्याचार्य- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या

मार्गदर्शक:-  श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पञ्चाङ्गम्, जयपुर  

श्रीरामजन्मभूमि भूमिपूजन अयोध्या 5 अगस्त 2019 गंगाधर पाठक नरेन्द्र मोदी
प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी से अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास करवाते मुख्य पुरोहित आचार्य श्री गंगाधर पाठक

‘गावो जगन्मातरः’ – ग्रन्थ परिचय

वेदादिशास्त्रों में गोमाता की महिमा का सर्वाधिक वर्णन किया गया है । गोमाता सम्पूर्ण देव, ऋषि और पितरों की आश्रयभूता हैं । इनके विग्रह में तैंतीस-कोटि देवगण निवास करते हैं । गौको सर्वतीर्थमयी और सर्वदेवमयी कहा गया है । गोमाता की पूजा से वे सभी पूजित होकर तृप्त होते हैं । गौओं की नित्य परिक्रमा करने से ही बृहस्पति सर्ववन्द्य, विष्णु सर्वपूज्य एवं इन्द्र ऐश्वर्यवान् हुए हैं ।

परन्तु वेदादिशास्त्रों में पूर्ण प्रतिष्ठा को प्राप्त सर्वश्रेयस्करी जगन्माता गौ के लिये संसार के कोई भी दो पैरवाले जन्तु उन्हीं वेदादिशास्त्रों से उनका वध सिद्ध करे यह कितना दुःखद और आश्चर्यजनक है ? इन्हीं उपद्रवों से गोभक्तों का सन्तप्त हृदय अत्यन्त व्यथित हो उठा और राष्ट्र की उन्नति एवं सम्पूर्ण विश्व में शान्ति स्थापना के लिये गोसेवार्थ प्राणधारण करने वाले कतिपय महापुरुषों की आशीर्वादात्मक सत्प्रेरणा से प्रेरित होकर इस ग्रन्थ ‘गावो जगन्मातरः’ में वेदादि शास्त्रों के द्वारा गोवध सिद्ध करने वाले गोविरोधी एवं राष्ट्रद्रोही दुर्विचारों का शास्त्रीय रीति से समालोचन करके गोवंश को अवध्य और सर्वपूज्य सिद्ध किया गया है ।

गौविरोधी समस्त आक्षेपों का समाधान करने वाला यह ग्रन्थ ‘गावो जगन्मातरः’ समस्त आसुरी आक्रमणों का निग्रह और गोवंश की सर्वपूज्यता सिद्ध करता है । जय गोमाता जय गोपाल…..

ग्रन्थ डाउनलोड करने हेतु क्लिक करें –

गावो-जगन्मातरः

— पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’ —
मुख्याचार्य:- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या

मार्गदर्शक:-  श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पञ्चाङ्गम्, जयपुर  

“श्रीसुरभिस्तोत्रावलिः” – आचार्य गङ्गाधर पाठक | डाउनलोड करें

“श्रीसुरभियागपद्धति” – आचार्य गङ्गाधर पाठक | डाउनलोड करें

महामारी जनित उपसर्गों का शास्त्रोक्त विवरण एवं शमन

शास्त्रानुसार व्रतोपवासादि में सूर्यसिद्धान्तीय पञ्चाङ्ग ही ग्राह्य

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article