मेधा, कौतूहल, जिज्ञासा का अर्थ और झुण्ड प्रवृत्ति

मेधा और झुण्ड “जो धर्म की रक्षा करता है,धर्म उसकी रक्षा करता है ।” धर्म का अर्थ है वैदिक यज्ञ,अर्थात् वैदिक कर्म का काण्ड । धर्म...

पूर्णावतार भगवान् श्रीकृष्ण – धर्म और रासलीला

कृष्णपक्ष!उसपर अष्टमी!वह भी दक्षिणायन वाली!केवल पूर्णावतार ही इसे झेल सकते हैं,और इसे शुभ बना सकते हैं! एक महायुग में श्रीविष्णु के दस अवतार होते हैं...

युधिष्ठिर – सार्वभौम दिग्विजयी हिन्दूराष्ट्र निर्माता सम्राट

जैसा कि युधिष्ठिर जी आदि पर विवाद देखने को मिलता है तो हमें महाभारत में ही देखना चाहिए कि युधिष्ठिर आदि पाण्डव स्वयं से...

शतभिषा नक्षत्र के स्वामी वरुण देव के मन्त्र

चन्द्रप्रभं पंकजसन्निषण्णं पाशांकुशाभीतिवरं दधानम्। मुक्ताविभूषांचितसर्वगात्रं ध्यायेत् प्रसन्नं वरुणं विभूत्यै। जिनके शरीर की कांति चंद्रमा के समान है, जो पंकज पर आसीन हैं, जो अपने हाथों में पाश, अंकुश,...

करपात्ररत्नसमुच्चय एवं ट्रैड-वाद | ‘कुतर्ककूटनाशक’ सहित

ट्रैड निम्न लेख प्रतिज्ञ @RamaInExile द्वारा लिखित है। ट्रैड मेरे साथ विगत कुछ महीनों में जो घटनाएं हुई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया।...

श्रीरामभक्ता शबरी का जातिनिर्णय – आचार्य गङ्गाधर पाठक | डाउनलोड करें

'श्रीरामभक्ता शबरी भीलनी नहीं ब्राह्मणी थी' लेखक:- पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’ मुख्याचार्य- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या मार्गदर्शक:-  श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पञ्चाङ्गम्, जयपुर   निम्न ग्रन्थ में शास्त्रों का अन्वेषण करके सप्रमाण श्रीरामभक्ता...