श्रीसुरभिस्तोत्रावलिः

लेखक:- पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’
मुख्याचार्य- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या

श्रीवृन्दावन धाम
मार्गदर्शक:-  श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पञ्चाङ्गम्, जयपुर

श्रीरामजन्मभूमि भूमिपूजन अयोध्या 5 अगस्त 2019 गंगाधर पाठक नरेन्द्र मोदी
प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी से अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास करवाते मुख्य पुरोहित आचार्य श्री गंगाधर पाठक

‘श्रीसुरभिस्तोत्रावलिः’ – ग्रन्थ परिचय

वेदादिशास्त्रों में गोमाताकी महिमाका सर्वाधिक वर्णन किया गया है । गोमाता सम्पूर्ण देव, ऋषि और पितरोंकी आश्रयभूता हैं । इनके विग्रहमें तैंतीसकोट देवगण निवास करते हैं। गौको सर्वतीर्थमयी और सर्वदेवमयी कहा गया है गोमाताकी पूजासे वे सभी पूजित होकर तृप्त होते हैं ।

गोसेवा या गोदर्शनसे सम्पूर्ण तीर्थोकी यात्रा एवं सभी देवताओंके दर्शनका पुण्य प्राप्त होता है । ऐसी महनीय चमत्कारमयी सर्वसुलभ देवीकी आराधना करना मनुष्यमात्रका सर्वप्रथम पावन कर्तव्य है । एतदर्थ महाशक्ति गोमाताकी विधिवत् आराधनाके लिये निम्न स्तोत्रों से युक्त इस ‘श्रीसुरभिस्तोत्रावलिः’ की अतिशय उपयोगिता है । पुस्तक में निम्न स्तोत्र गोमाता की स्तुति हेतु दिए गए हैं –

१. श्रीसुरभिध्यानम्
२. श्रीसुरभिद्वादशनामस्तोत्रम्
३. श्रीसुरभिषडक्षरस्तोत्रम्
४. श्रीसुरभ्यष्टकम्
५. गोमंगलाष्टकम्
६. गोप्रार्थनाष्टकम्
७. श्रीसुरभिमानसपूजास्तोत्रम्
८. श्रीसुरभिस्तवनम्
९. श्रीसुरभिकवचम्
१०. श्रीसुरभ्यष्टोत्तरशतनामावलिः
११. श्रीसुरभिपुष्पांजलिः

ग्रन्थ डाउनलोड करने हेतु क्लिक करें –

श्रीसुरभिस्तोत्रावलि

— पण्डित गङ्गाधर पाठक ‘वेदाद्याचार्य’ —
मुख्याचार्य:- श्रीरामजन्मभूमिशिलापूजन, अयोध्या

मार्गदर्शक:-  श्रीसर्वेश्वर जयादित्य पञ्चाङ्गम्, जयपुर  

“गावो जगन्मातरः” – आचार्य गङ्गाधर पाठक | डाउनलोड करें

“श्रीसुरभियागपद्धति” – आचार्य गङ्गाधर पाठक | डाउनलोड करें

महामारी जनित उपसर्गों का शास्त्रोक्त विवरण एवं शमन

शास्त्रानुसार व्रतोपवासादि में सूर्यसिद्धान्तीय पञ्चाङ्ग ही ग्राह्य

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here