प्रश्नोपनिषद का प्रारम्भ इस प्रकार होता है कि सुकेशा, शिविकुमार, सत्यकाम, सौर्यायणि, कौसल्य, भार्गव और कबन्धी, यह ब्रह्मनिष्ठ ऋषि परब्रह्म की खोज करते हुए कि, "वह ब्रह्म क्या है?" इत्यादि जिज्ञासा लेकर उसकी खोज में आचार्य पिप्पलाद के पास...
पुराणों की गाथा, भाग-1
फूलपत्तियों और फलों से लदी हुई बहुत सी टहनियों वाला हिन्दू धर्म का वटवृक्ष वेदों की गहराई तक फैली जड़ों पर टिका हुआ है, पर उसका तना क्या है? उसका तना है पुराण। अगर हिन्दू धर्म...
द्रोणाचार्य सरीखे शास्त्रज्ञ गुरु भी धर्म का तत्व नहीं समझ पाए। भीष्म पितामह जैसे धर्म सम्राट को भी धर्म का तत्व शर शैय्या पर लेटने से पहले समझ न आया। यहाँ तक कि धर्म अधर्म के नाम पर दो...
अंग्रेजों की शोषण नीति और परतंत्रता से भारत वर्ष को मुक्त कराने में अनेक महपुरूषों ने अपनी शक्ति और सामर्थ्य के अनुसार अपना योगदान दिया। उन्हीं में से एक हैं आदिवासी मुंडा समाज में भगवान के रूप में पूजे...
पद्मिनी स्कूल की बात है, स्कूल में जब कोई टीचर नहीं आते थे तो उनकी जगह टेम्परेरी टीचर कुछ दिन के लिए पढ़ाने आते थे। तब मैं सातवीं क्लास में था और हमारी हिन्दी की मैम एक दो महीने...