Sunday, June 8, 2025
Ever since Atal Ji’s funeral, the propensity to undermine Hindu rituals has been restarted by all those people who have not cared to examine the traditions, irrespective of their political leanings. To find self identifying Hindu Nationalists...
छान्दोग्योपनिषद् के चौथे अध्याय में जबाला, सत्यकाम और हरिद्रुमत के पुत्र महर्षि गौतम की कथा मिलती है। जबाला उस भारत का प्रतिनिधित्व करती है जहाँ नारी हर रूप में नारायणी है, सत्यकाम सत्य के उस प्रहरी के...
माता गुरूतरो भूमेः महाभारत में जब यक्ष धर्मराज युधिष्ठिर से सवाल करते हैं कि 'भूमि से भारी कौन?' तब युधिष्ठर जवाब देते हैं, 'माता गुरूतरा भूमेः युधिष्ठिर द्वारा माँ के इस विशिष्टता को...
छान्दोग्योपनिषद् के चौथे अध्याय में जबाला, सत्यकाम और हरिद्रुमत के पुत्र महर्षि गौतम की कथा मिलती है। जबाला उस भारत का प्रतिनिधित्व करती है जहाँ नारी हर रूप में नारायणी है, सत्यकाम सत्य के उस प्रहरी के रूप में...
भद्रं इच्छन्तः ऋषयः स्वर्विदः, तपो दीक्षां उपसेदु: अग्रे ! ततो राष्ट्रं बलं ओजश्च जातम्, तदस्मै देवा उपसं नमन्तु !! अर्थववेद के इस मन्त्र में कहा गया है, दतिया " आत्मज्ञानी ऋषियों ने जगत का कल्याण करने की इच्छा से सृष्टि के प्रारंभ...
" लयनात इति लिंगमुच्यते " जिसमे सर्व सृष्टि लय हो जाये वही लिंग है अर्थात सकल जगत लय होजाने के बाद शेष बचे वह अर्थात ब्रह्मपदार्थ। सकल शैव जगत मे परमात्मा शंकर की लिंग रूप मे उपासना की जाती है।...
आजकल कई वामपंथी और नारीवादी हिन्दू धर्म का विरोध करने के लिए हिन्दू धर्मग्रंथ मनुस्मृति पर स्त्रीविरोधी और पितृसत्तात्मक होने का आरोप लगाते हैं जबकि सत्य कुछ और ही है। आश्चर्य तब होता है जब यही लोग कुरान को...
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल - कन्याकुमारी, एक एतिहासिक संघर्ष का प्रतीक सम्पूर्ण देश में घूमता हुआ भ्रमणशील संन्यासी भारत के दक्षिणी अंतिम छोर पर पहुंचा जहाँ पर प्राचीनकाल से भगवती कन्याकुमारी का मंदिर स्थित है। संन्यासी माँ भगवती के...
हिन्दू धर्म में वेदान्त विचार के आधार पर पांच प्रमुख वैदिक-सम्प्रदाय हैं। 1) श्रीमदाद्य शंकराचार्य के "अद्वैत" मत पर आधारित "शांकर-सम्प्रदाय"। 2) श्रीमद् रामानुजाचार्य के "विशिष्टाद्वैत" मत पर आधारित "श्रीसम्प्रदाय"।
2 नवम्बर 1976 को संविधान के 42वें संशोधन के अंतर्गत भारत एक सेकुलर अर्थात पंथनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित हो गया था। और तभी से स्पष्ट रूप से सेकुलरिज्म के नाम पर राजनीति आरंभ हो गई थी। राजनैतिक दलों के नेताओं...
- Advertisement -

RECENT POSTS