स्वतंत्रता संग्राम के प्रंमुख सेनानी लाला हरदयाल जी के बारे में लोग कम ही जानते है। उसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि उनकी वैचारिक एवं व्यवहारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र देश से बाहर विदेश में, खासकर अमेरिका...
अभी हाल ही में मैंने राज थापर की पुस्तक All these years पढ़ी। राज थापर (1926- 1987) के निधन के बाद उनके डायरी से संकलित करके यह संस्मरणात्मक पुस्तक 1991 में प्रकाशित की गयी। पुस्तक में कुल...
Ho Chi Minh: Martin C. Windrow (born 1944) is a British historian, editor, and author of several hundred books, articles, and monographs, particularly those on organizational or physical details of military history, and the history of the post-war French...
रुद्रम्मा देवी
ये 13 वीं शताब्दी में काकतीय वंश की महिला शासिका थीं। इन्होंने अपने समय मे समाज के निचले तबके से लोगों को सेना में भर्ती किया और उन्हें जागीरें भी दीं। मुख्य...
Ø स्वतंत्रता आन्दोलन के पहले नेता जिन्होंने पूर्ण स्वराज्य का लक्ष्य निर्धारित किया
Ø विदेशी वस्त्रों की होलीजलाने वाले पहले नेता |
Ø भारत की स्वतंत्रता के लिएअन्तराष्ट्रीय स्तर पर क्रांतिकारी आन्दोलन खड़ा करने वाले पहले क्रांतिकारी |
Ø पहले भारतीय छात्र...
वर्ष 2004 में शंकर शरण की एक किताब "Marxism and Writing of Indian History" प्रकाशित हुई थी। पुस्तक में यह उल्लेख है कि मार्क्सवादियों द्वारा सायास तथ्यों को छुपाकर यह तर्क़ गढ़ा गया है कि अल्पसंख्यक होने...
वैदिक धर्म, वैदिक संस्कृति, और आर्य जाति की रक्षा के लिए, मरणासन्न अवस्था से उसे पुनः प्राणवान एवं गतिवान बनाने के लिए और उसे सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाने के लिये आर्य समाज ने सैंकड़ों बलिदान दिए हैं। और उसमें...
वेदविद्या का अनुशीलन करने के पक्षपाती लोगों में पण्डितजी का नाम ही पर्याप्त परिचय है। वैदिक साहित्य और संस्कृत को जनसामान्य की पहुंच में लाने का ऐसा महनीय कार्य उन्होंने किया था। जैसा करने की इच्छा कभी दयानन्द स्वामी...
बेल्जियन स्कॉलर Koenraad Elst ने 1992 में एक किताब लिखी है जिसका शीर्षक Negationism in india: Concealing the record of islam है। इसका विस्तृत संस्करण 2014 में आया और 2016 में पुनः प्रकाशित हुआ । यह पुस्तक...
Hinduism in Fiji has a following primarily among the Indo-Fijians, who are descendants of workers brought to Fiji by the British, for colonial sugarcane plantations. Fiji identifies people as Indo-Fijians if they can trace their ancestry to the Indian subcontinent. Originally, there were five "ethnicities"...